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राजभवन - राँची झारखण्ड की कुछ खास बाते इस पोस्ट में हम आपके साथ साझा करने वाले है अगर आप राजभवन राँची के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को जरुर पढ़े !
इस पोस्ट में हम आपको झारखण्ड की राजधानी राँची के राजभवन के बारे में ढेर सारी जानकारी आपके साथ साझा करने वाले है !
राजभवन राँची - जैसे ही राँची राजभवन रविवार को आम लोगो के लिए खोल दिया गया तो सुबह से ही लोगो का जमावड़ा परिसर में देखने को मिला राजभवन सुबह का 10 बजे से साम को 3 बजे तक खुला रहता है आम लोगो के लिए राजभवन परिसर में 100 से भी अधिक प्रकार के गुलाब के फूल देखने के लगे गए है जो लोगो के आकर्षक के केंद्र है, रविवार को जब राजभवन आप लोगो के लिए खोला गया तो 52 एकड़ में फैले फूलो के बागान को निहारने के लिए दूर दराज से लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा है राजभवन परिसर के हर कोने पर लोगो का जमावड़ा लगा हुआ था कही यूवा फूलो संग अपनी तस्वीरे उतार रहे थे तो बच्चे भी कही पीछे नही थे बच्चे भी अपने सरारतो से फूलो संग खेलना चाहते थे, और बुजुर्ग लोग भी अपने बच्चो को विभिन प्रकार के फूलो के बारे में बताते नजर आ रहे थे ! राजभवन के अशोक उद्धान में लोग सर्द ह्वावो के साथ गुनगुने धुप का आनंद लेते दिखे तो वही अकबर उद्धान में लोग रंग बिरंगे फूलो को निहारते दिखे ! इस पोस्ट में हमआपके साथ कुछतस्वीरे साझा करने वाले है जीने आप इस पोस्ट के निचे पा सकते है !
राजभवन पहली बार कब खोला गया - झारखण्ड की राजधानी राँची का राजभवन झारखण्ड के चोथे राज्यपाल वेद मारवाह ने पहली बार 2004 में राजभवन का द्वार स्कूली बच्चो के लिए खुलवाया था इसके बाद 2005 में पाच्वे राज्यपाल ने इसका दायरा बड़ा कर आम लोगो के लिए भी राजभवन का द्वार खोला गया !जिसके बाद से अब तक वही सिलसिला चला आ रहा है !
राजभवन को सुन्दर बनाने में मुख्य भूमिका -राजभवन परिसर को और भी आकर्षक बनाने के लिए सय्यत सिब्ते रजी जी का महत्वपूर्ण भूमिका रही !
राजभवन परिसर की देख - रेख कोन करते है - राजभवन परिसर की देख रेख अब्दुल सलामबहुत सालो से करते आ रहे है लोग कहते है की वे फोलो को अपने बच्चे जैसे मानते है, और उनका देख भाल करते है और जैसे की वो बताते है की पिछले 2 - 3 साल से फोलो को जेविन खाद भी दिया जा रहा है उन्होंने बताया की राजभवन खुलने की तयारी में हम सभी 2 - 4 महीने पहले से ही लगे रहते है, ताकि राजभवन परिसर में आने वाले हर व्यक्ति राजभवन के इस नजारा का आनंद ले सके और सामने से प्रकृति को देख सके उसे महसूस कर सके !
राजभवन परिसर में दुनिया भर की 200 से अधिक फूलो की किस्ते है जो भवन को और भी आकर्षक बनाती है !
राजभवन घुमने के लिए आप सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक आ सकते है प्रवेश बिलकुल ही निशुल्क है, जहा परिसर में 100 से भी अधिक किस्तों की फूल है तो वही इस बार विदेशी फूल भी इस बार देखने को मिलेंगे तो वही इस बार 7 नए प्रकार के गुलाब भी राजभवन परिसर को और भी खुशबूदार बना रही है !
इस पोस्ट में हम आपको झारखण्ड की राजधानी राँची के राजभवन के बारे में ढेर सारी जानकारी आपके साथ साझा करने वाले है !
राज-भवन राँची झारखण्ड |
राजभवन राँची - जैसे ही राँची राजभवन रविवार को आम लोगो के लिए खोल दिया गया तो सुबह से ही लोगो का जमावड़ा परिसर में देखने को मिला राजभवन सुबह का 10 बजे से साम को 3 बजे तक खुला रहता है आम लोगो के लिए राजभवन परिसर में 100 से भी अधिक प्रकार के गुलाब के फूल देखने के लगे गए है जो लोगो के आकर्षक के केंद्र है, रविवार को जब राजभवन आप लोगो के लिए खोला गया तो 52 एकड़ में फैले फूलो के बागान को निहारने के लिए दूर दराज से लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा है राजभवन परिसर के हर कोने पर लोगो का जमावड़ा लगा हुआ था कही यूवा फूलो संग अपनी तस्वीरे उतार रहे थे तो बच्चे भी कही पीछे नही थे बच्चे भी अपने सरारतो से फूलो संग खेलना चाहते थे, और बुजुर्ग लोग भी अपने बच्चो को विभिन प्रकार के फूलो के बारे में बताते नजर आ रहे थे ! राजभवन के अशोक उद्धान में लोग सर्द ह्वावो के साथ गुनगुने धुप का आनंद लेते दिखे तो वही अकबर उद्धान में लोग रंग बिरंगे फूलो को निहारते दिखे ! इस पोस्ट में हमआपके साथ कुछतस्वीरे साझा करने वाले है जीने आप इस पोस्ट के निचे पा सकते है !
राजभवन पहली बार कब खोला गया - झारखण्ड की राजधानी राँची का राजभवन झारखण्ड के चोथे राज्यपाल वेद मारवाह ने पहली बार 2004 में राजभवन का द्वार स्कूली बच्चो के लिए खुलवाया था इसके बाद 2005 में पाच्वे राज्यपाल ने इसका दायरा बड़ा कर आम लोगो के लिए भी राजभवन का द्वार खोला गया !जिसके बाद से अब तक वही सिलसिला चला आ रहा है !
राजभवन को सुन्दर बनाने में मुख्य भूमिका -राजभवन परिसर को और भी आकर्षक बनाने के लिए सय्यत सिब्ते रजी जी का महत्वपूर्ण भूमिका रही !
राजभवन परिसर की देख - रेख कोन करते है - राजभवन परिसर की देख रेख अब्दुल सलामबहुत सालो से करते आ रहे है लोग कहते है की वे फोलो को अपने बच्चे जैसे मानते है, और उनका देख भाल करते है और जैसे की वो बताते है की पिछले 2 - 3 साल से फोलो को जेविन खाद भी दिया जा रहा है उन्होंने बताया की राजभवन खुलने की तयारी में हम सभी 2 - 4 महीने पहले से ही लगे रहते है, ताकि राजभवन परिसर में आने वाले हर व्यक्ति राजभवन के इस नजारा का आनंद ले सके और सामने से प्रकृति को देख सके उसे महसूस कर सके !
राजभवन परिसर में दुनिया भर की 200 से अधिक फूलो की किस्ते है जो भवन को और भी आकर्षक बनाती है !
राजभवन घुमने के लिए आप सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक आ सकते है प्रवेश बिलकुल ही निशुल्क है, जहा परिसर में 100 से भी अधिक किस्तों की फूल है तो वही इस बार विदेशी फूल भी इस बार देखने को मिलेंगे तो वही इस बार 7 नए प्रकार के गुलाब भी राजभवन परिसर को और भी खुशबूदार बना रही है !
हम आपके साथ फूलो कीतस्वीर साझा कर रहे है जिन्हें आपडाउनलोड भी कर सकते है !