15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शेरो शायरी लिखना अपने आप में ही एक अलग कला
है। हम सभी भारतीय लोगों को शेरो शायरी से काफी लगाव है और यह लगाओ तब बढ़
जाता है, जब हम 15 अगस्त पर शायरी बोलते और सुनते हैं इस पोस्ट में हम कोशिश कर रहे हैं कि आप तक सबसे अच्छी और मन को खुश कर देने वाली 15 अगस्त शायरी
पहुंचाई जाए। कृपया इन स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गई शायरी को ध्यानपूर्वक
पढ़ें और इनका इस्तेमाल अपने WhatsApp और Facebook के मैसेज में कर सकते
हैं या तो मोबाइल पर भी अपने दोस्तों और परिवारों को भेज सकते हैं !--------
**** Hindi Independence Day Shayari *****
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूं
अपनी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं|
अपनी छाती से मुझे तू लगा लेना भारत मां,
मुझे अपनी छाती से लगा लेना तू भारत मां,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं !
अपनी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं|
अपनी छाती से मुझे तू लगा लेना भारत मां,
मुझे अपनी छाती से लगा लेना तू भारत मां,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं !
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती फना होने की इजाजत ली नहीं जाती
यह वतन की मोहब्बत है जनाब यह वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती !
यह वतन की मोहब्बत है जनाब यह वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती !
कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है !
जमाने में मिलते हैं आशिक कई, जमाने में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर मरे हैं कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता !
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर मरे हैं कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता !
इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना रोशनी होगी
चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को दिल
में हमेशा बसाए रखना !
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
सुंदर है जग में सबसे नाम भी न्यारा है
जहां जाति भाषा से बढ़कर देश प्रेम की धारा है निश्चय पवन प्रेमपूर्ण और
विशाल हृदय वाला है वह भारत देश हमारा है वह भारत देश हमारा है !
ए मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
यह शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने
है प्राण गंवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आए !
गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगाड़ा चमक रहा आसमान में देश का सितारा
आजादी के दिन आओ मिलकर करें दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा !
मैं भारत देश का हरदम अमित सम्मान करता हूं यहां की चांदनी मिट्टी का
गुणगान करता हूँ मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की तिरंगा हो
कफ़न मेरा बस यही अरमान रखताहूँ !
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
Vande Mataram
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
Vande Mataram
अब तक जिसका खून न खौला अब तक जिसका खून न खौला खून नहीं वह पानी है
जो देश के काम ना आए जो देश के काम ना आए वह बेकार जवानी है |
जो देश के काम ना आए जो देश के काम ना आए वह बेकार जवानी है |
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.
मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ,
वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ !!
क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का ,
मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ !!
वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ !!
क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का ,
मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ !!
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
ना हिन्दू बन कर देखो
ना मुस्लिम बन कर देखों
बेटों की इस लड़ाई में
दुःख भरी भारत माँ को देखो |
ना मुस्लिम बन कर देखों
बेटों की इस लड़ाई में
दुःख भरी भारत माँ को देखो |
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगाड़ा चमक रहा आसमान में देश का सितारा
आजादी के दिन आओ मिलकर करें दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा |
आजादी के दिन आओ मिलकर करें दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा |
सलाम करें उनको जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है
जब आंख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो जब आंख बंद हो तो यादें हिंदुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो |
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो |
खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते हैं मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं करती हूं मैं
ए वतन पर मिटने वालों तुम्हारी हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है |
ए वतन पर मिटने वालों तुम्हारी हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है |
लिख रही हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आयेगा मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
मैं रहूं या ना रहूं पर यह वादा है तुमसे मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा |
मैं रहूं या ना रहूं पर यह वादा है तुमसे मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा |
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी जय हिंद जय भारत |
हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी जय हिंद जय भारत |
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, पल
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, पल
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
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