INDIA KI जनसंख्या - HK Dream Po!nt

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WELCOME TO HK DREAM POINT - (पैन कार्ड सेंटर खोलने के लिए संपर्क करे 7070383567) अगर जिंदगी में सुकून चाहते हो तो लोगो की बातो को दिल से लगाना छोर दो।..जिंदगी आसान नहीं होती, इसे आसान बनाना पड़ता है…! कुछ ‘अंदाज’ से, कुछ ‘नजर अंदाज ‘से……! .. यही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा ना हो मायूस ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा | हीरे को परखना है तो अँधेरे का इंतजार करो धूप में तो काँच के टुकड़े भी चमकने लगते हैं..***सफलता कदम चूमती रहे, खुशी आसपास घूमती रहे, यश इतना फैले की कस्तूरी शर्मा जाए, लक्ष्मी की कृपा इतनी हो की बालाजी भी देखते रह जाए.

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INDIA KI जनसंख्या


  INDIA सदा ही बड़ी और विविध आबादी वाला रहा है, जिससे सदियों से इसका चरित्र जीवंत बना रहा। भारत में लगभग 3,000 समुदाय हैं। भारत की आबादी का मिश्रण इतना व्यापक और जटिल है कि इसके दो तिहाई समुदाय हर राज्य की भौगोलिक सीमा पर मिल जाते हैं। इनमें काॅसोकोइड, नेगरिटो, प्रोटो-आॅस्ट्रोलाॅइड, माॅन्गोलाइड और मेडीटेरेनीयन नस्लों का भी मेल है।

भारत की आबादी का आठ प्रतिशत हिस्सा आदिवासी है। शारीरिक गठन और भाषा के आधार पर भारत के लोगों को आसानी से चार व्यापक वर्गों में बांटा जा सकता है। पहला उच्च वर्ग के हिंदुओं का बहुमत है, जो उत्तर भारत में रहते हैं और उनकी भाषा संस्कृत से ली गई है। दूसरा, वो लोग जो भारत के दक्षिण में रहते हैं और उनकी भाषा तमिल, तेलगु, कन्नड़ और मलयालम है, जो संस्कृत से बिलकुल भिन्न है। उन्हें उनके जातीय नाम ‘द्रविड़’ से जाना जाता है। तीसरा, भारत के जंगल और पर्वतों में रहने वाली प्राचीन जनजातियां, जिनका जिक्र उपर बताई गई भारत की आठ प्रतिशत आबादी में था। इस वर्ग में कोल, भील और मुडा आते हैं। चैथे हैं वो लोग जिनकी मुखाकृति पर अत्याधिक मंगोलियन प्रभाव है और यह उत्तरपूर्वी राज्यों और हिमालय की ढलान पर रहते हैं।

इन सबको जोड़ें तो भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां बीस धार्मिक धाराएं साथ बहती हैं। अगर आपको यह बात सुनने में पुरानी लगती है तो आपके लिए एक आश्चर्यजनक जानकारी भी है। भारत के लगभग 500 समुदाय कहते हैं कि वो एक समय में दो धर्मों का पालन करते हैं। भारत की आबादी एक अरब से ज्यादा है जिसमें ज्यादातर हिंदू हैं।

कोई आश्चर्य नहीं है कि दुनिया भर में आज भारत को ‘कई धर्मों की भूमि’ कहा जाता है। प्राचीन भारत ने हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का जन्म देखा। यह सभी धर्म और संस्कृतियां कुछ इस प्रकार मिली कि भले ही सबकी भाषा, सामाजिक तौर तरीके, धर्म अलग अलग हों लेकिन पूरे देश की जीवन शैली में समानता है। भारत इस तरह इतना भिन्न होकर भी गहरी एकता दिखाता है।

हिंदू धर्म, यह नाम सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को दिया गया। यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम से भारत आए आक्रमणकारियों के अधिकार में कई सदियों तक रहा।

हालांकि हिंदू धर्म वास्तव में कोई धर्म नहीं बल्कि एक दर्शन या जीवन यापन का तरीका है जो कि भारतीय उपमहाद्वीप में सदियों में विकसित हुआ। वैदिक काल के ऐसे बहुत से ग्रंथ हैं जिनमें बुनियादी सत्य और कुछ सिद्धांत बनाए गए हैं, लेकिन हिंदू धर्म में ऐसे कोई सिद्धांत नहीं तय किये गए, बल्कि एक सामान्य सिद्धांत है सहिष्णुता का। इसलिए पूर्व और पश्चिम से पहाड़ों या समुद्र के रास्ते भारत आए विभिन्न नस्लों, भाषाओं या धर्मों के असंख्य लोग अपने साथ अपनी विचारधारा, परंपरा और भाषा भारत ले आए और यहां अपने अनुसार अपना जीवन जीते रहे।

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