भारतीय राजनीति में शासन और सत्ता से हमेशा दूर रही नाई जाति भारत के सभी
राज्यों से अपने विधायक और सांसदो की मांग राजनीतिक दलो से करती रही हैं।
सामाजिक और शैक्षणिक रूप पिछड़ी हुई और आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहीन नाई
जाति देश की आजादी के समय से ही अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने की मांग
करती रही हैं। इसके अलावा नाई जाति जनसंख्या के अनुपात में राज्यों की
विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में अपने प्रतिनिधि चाहती हैं। यह सच हैं
कि भारत सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न आयोगों में नाई जाति के प्रतिनिधी
नही हैं। वही पर दूसरी ओर भारत सरकार एवं राज्य सरकार की प्रथम श्रेणी एवं
द्वितीय श्रेणी की शासकीय सेवाओं में नाई जाति की मौजूदगी नही के बराबर
रही है!
- क्या नाई समाज को भारतीय राजनीति में आगे आना चाहिए!
- क्या नाई जाती को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए ?
Very Good
ReplyDelete